कंप्यूटर कैसे काम करता हैं, Computer क्या होता है? 2025

Suraj Kumar
6 Min Read

जैसे ही बात Computer की आती है तो हम कंप्यूटर के बारे में एक बात जरूर सोचते है की आखिर आज के इस डिजिटल युग में कंप्यूटर का योगदान बहुत बड़ा है जो लोगो के कामो को कितना सरल बना दिया है। लेकिन क्या हम सब को ये पता है की आखिर Computer काम कैसे करता है? तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको ये बतायेगे की आखिर कंप्यूटर क्या है और कैसे काम करता है?

कंप्यूटर क्या है? (Computer Kya Hai ?)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका उपयोग डेटा प्रोसेस , गणनाएँ , डाटा स्टोर जैसे कार्यो को करने के लिए किया जाता है यह इनपुट डेटा Process को आउटपुट में बदलता है, Computer का मुख्य उद्देश्य किसी कार्य को तेजी और आसानी से पूरा करना है। कंप्यूटर का उपयोग हम किसी Document को टाइप करने ,ईमेल करने, डाटा को स्टोर करने ,गेम खेलने और इंटरनेट और वेब ब्राउज़िंग करने के लिए करते है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म ( Full Form of Computer in hindi )

कंप्यूटर का फुल फॉर्म (Computer ka Full Form) कॉमन ऑपरेटिंग मशीन पर्पसली यूज्ड फॉर टेक्नोलॉजिकल एंड एंजुकेशनल रिसर्च (Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research) होता है।

कंप्यूटर के भागों के नाम (Components of a Computer)

कंप्यूटर मुख्यत दो भागो से मिलकर बने होते है :-

  1. हार्डवेयर (Hardware)

हार्डवेयर कंप्यूटर का वो हिस्सा होता है जिसका भौतिक संरचना होता है जिसे हम छू सकते है। जैसे –

  • प्रोसेसर – Processor.
  • मदर बोर्ड – Mother Board.
  • मेमोरी – Memory.
  • हार्ड डिस्क – Hard Disk Drive.
  • मॉडेम – Modem.
  • साउंड कार्ड – Sound Card.
  • मॉनिटर – Monitor.
  • की-बोर्ड – Keyboard
  • माउस – Mouse.

2. सॉफ्टवेयर (Software)

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की निर्देशों की प्रणाली होती है जो Hardware को बताता है की करना क्या है और कैसे करना है कंप्यूटर में दो टाइप के सॉफ्टवेयर होते है

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर जो हार्डवेयर और यूजर के बिच संपर्क बनाता है उसे ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहते है जैसे – Windows, Linux, MAC, Android आदि।

2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है जो किसी पर्टिकुलर काम करने के लिए इंटरफ़ेस प्रोवाइड कराता है जैसे- वेब ब्राउज़र , MS Office, Photoshop आदि।

इसे भी पढ़े – कॉल डिटेल हैक होने से बचें।

कंप्यूटर कैसे काम करता है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसे हम Keybord , Mouse या स्कैनर के जरिये इनफार्मेशन Input देते है उसका प्रोसेस करके हमें परिणाम (Output) देता है।

कंप्यूटर के प्रकार ( Types of Computer )

कंप्यूटर मुख्यत कई प्रकार के होते है

  1. पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer)- यह पर्सनल कामो के लिए उपयोग किया जाता है जिसका उपयोग हम अपने छोटे – छोटे कामो जैसे दस्तावेज़ बनाना, इंटरनेट ब्राउज़िंग, गेमिंग में करते है। जैसे – डेस्कटॉप, लैपटॉप
  2. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)- यह Highspeed और Heavy Processor वाला कंप्यूटर होता है जिसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम पूर्वानुमान, परमाणु परीक्षण जैसे कामो के होता है।
  3. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)- यह एक सामान्य प्रकार का कंप्यूटर है, जो सबसे अधिक उपयोग में आता है। जैसे पर्सनल कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट।
  4. वर्कस्टेशन (Workstation) – यह उच्च क्षमता वाला कंप्यूटर है, जो विशेष रूप से तकनीकी कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है। जैसे -ग्राफिक्स डिजाइन, Software Development.
  5. मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)- ये बड़े आकार के कंप्यूटर होते हैं जो बड़ी मात्रा में Deta Process करते हैं। इसका उपयोग बैंक, सरकारी संस्थाएँ, बड़े व्यापारिक संस्थानों में किया जाता है।

कंप्यूटर के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Computers)

फायदे – किसी काम को सटीक, सरल और जल्दी करता है और एक साथ कई काम को कर सकता है।

नुकसान – डाटा हैकिंग होने की संभावना रहती है और ज्यादा देर तक कंप्यूटर चलाने से हेल्थ पर भी असर पड़ता है।

कंप्यूटर के फायदे (Advantages of Computer)कंप्यूटर के नुकसान (Disadvantages of Computer)
गति (Speed): कंप्यूटर तेज़ी से काम करता है।स्वास्थ्य समस्याएँ (Health Issues): आँखों की समस्याएँ, सिरदर्द, कमर दर्द।
सटीकता (Accuracy): डेटा प्रोसेसिंग में उच्च सटीकता।सुरक्षा जोखिम (Security Risks): डेटा चोरी, हैकिंग, वायरस।
मल्टीटास्किंग (Multitasking): एक साथ कई कार्य कर सकता है।आलस्य (Laziness): शारीरिक गतिविधि में कमी।
सूचना का भंडारण (Storage of Information): बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जा सकता है।निर्भरता (Dependence): मानसिक और शारीरिक क्षमताओं पर निर्भरता।
ऑटोमेशन (Automation): कार्यों को स्वचालित किया जा सकता है।प्राइवसी की समस्या (Privacy Issues): व्यक्तिगत जानकारी का जोखिम।
संचार (Communication): इंटरनेट के माध्यम से लोगों से जुड़ा जा सकता है।महंगा खर्च (Expensive Cost): कंप्यूटर, सॉफ़्टवेयर और इंटरनेट का खर्च।
शिक्षा और मनोरंजन (Education & Entertainment): ऑनलाइन शिक्षा और मनोरंजन।नशा (Addiction): इंटरनेट और सोशल मीडिया की लत।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *